Sant Ravidas- जन्म गौड़ है ,कर्म प्रधान
जन्म गौड़ है ,कर्म प्र धान कृष्ण मंदिर के मुख्य पुजारी बाबा प्रतिदिन ब्रम्हमुहुर्त में गंगा स्नान करते ,भगवान का भजन करते और दिनभर मंदिर में साफ -सफाई किया करते थे। उनके मन में छुवाछूत की बिमारी इसतरह घर कर गयी थी कि वे प्यासा रह सकते थे ,लेकिन बिना जात -पात पूछे किसी के हाँथ का पानी नही पीते थे। उनका अटल विशवास था कि यदि कोई अछूत मंदिर में प्रवेश करेगा तो मंदिर की पवित्रता नष्ट हो जाएगी। मंदिर के पास ही रास्ते में एक झोपड़ी में एक मोची रहता था जो चमड़े के जूते -चप्पल सिलकर अपना तथा अपने परिवार का पेट पालता था। पुजारी बाबा कभी -कभार बाजार से लौटते वक्त मोची की झोपड़ी के पास से गुजरने के बाद आकर स्नान करते ,टीका लगाते तब कहीं जा कर उनके मन को ...