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khubsurat farista, this story is all about helping others, who are needy.

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खूबसूरत फरिश्ता  दोस्तो आज की स्पर्धाभरी जिंदगी में हमारे पास दूसरों के साथ बिताने के लिये कुछ पल भी नहीं मिल पाते हैं। हम अपनी जिंदगी में अपने सपनों को पूरा करने में इस कदर खो जाते हैं कि हमें अपनों के साथ के लिये समय नहीं मिल पाता है तो दूसरों के लिये समय निकालना बहुत दूर की बात है। आज हमारे पास रुपया -पैसा चाहे जितना हमने कमा लिया हो ,किन्तु जब हम शांत मन से सोचते हैं तो स्वयं को अकेला ही पाते हैं।          क्या वास्तव में हमारे पास दूसरों के लिये कुछ पल भी नहीं है?आइये इस घटना के माध्यम से जानते हैं।  शाम का समय था। राजधानी की सड़के बारिस से भीगी हुयी थीं। सड़क पर गाड़ियों का अम्बार लगा हुआ था। ऐसे समय में एक व्यक्ति अपने साथ एक महिला को अपनी मोटरसाइकिल के पीछे की सीट पर बैठाकर चला जा रहा था। महिला देखने में प्रौढ़ तथा अच्छे कपड़े और अच्छे -अच्छे कीमती गहने पहने हुयी थी। कुछ देर तक सड़क पर सफर करने के बाद अचानक चौराहा आया और चौराहे पर बहुत ही ज्यादा भीड़ थी। इसी भीड़ में कहीं से दूसरा मोटरसाइकिल सवार गाड़ी पार करने की कोशिश करता है इतने म...

Four thugs in Hoshiyarpur.Interesting story in hindi.

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चार ठग  चार ठग किसी किसान को ठगने की नियत से एक गांव में प्रवेश किये। गांव का नाम था होशियारपुर। गांव के प्रवेश मार्ग पर एक दस साल का बालक अकेला खेल रहा था। ठगों ने बालक से उसका नाम पूछा तो बालक ने अपना नाम बताया -हरिहारअहार  ठगों को बालक के घुमावदार नाम पर बड़ा आश्चर्य हुआ। एक ठग ने पूछा ,"बेटा,तुम्हारे पिता घर पर है ?"हरि ने बताया कि उसके पिता घर पर नहीं थे ;स्वर्ग का पानी बराने गये थे। ठगों द्वारा माँ के लिए पूछने पर हरि ने बताया कि उसकी माँ पाप -पुण्य का हिसाब करने गयी थी। घर पर कौन है पूछने पर हरि ने बताया "नयी माँ भी घर पर नहीं है। एक में दो करने गयी है। "              ठगों को हरि के उत्तर से बड़ा आश्चर्य हुआ। ठगो ने कहा ,"अरे हरि !तुमने पहचाना नही ,हम चारों तुम्हारे मामा हैं। "               हरि खुशी से चारो को अपने घर ले गया। एक औरत सर पर अरहर की दाल की टोकरी लेकर ठीक उसी वक्त पहुंची। हरि ने बताया कि यही औरत उसकी नयी माँ थी। ठगों ने उस औरत से कहा ,"तुम्हारा बेटा तो बड़ा सयाना है,तुम कहाँ...

back biting, chugalkhori, a moral story in hindi

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चुगलख़ोरी   किसी स्थान पर सरला और सुमन नाम की दो महिलायें अपने -अपने परिवार के साथ रहती थीं। सरला का स्वभाव अत्यंत चुगलखोरी वाला था तथा सुमन भी कुछ कम नही थी। सरला क्यूंकि गरीब थी ,इसकारण उसने तथा उसके पति ने मंदिर में साफ़ -सफाई का कार्य करना शुरू कर दिया। सरला सुबह से मंदिर की साफ -सफाई करती स्नान करती ,पूजा करती जो लोग मंदिर में आते उनको टीका लगाती तथा प्रसाद देती थी। इसके बाद किसके घर में क्या हुआ यह बातें औरतों  से पता लगती थी। और इन बातों का खूब आनंद लेती थी। उधर सुमन का पति एक छोटी सी दुकान रखकर अपने परिवार का गुजर -बसर करता था। किन्तु सुमन अपने आप को किसी अमीर से कम न समझती थी ,दिखावे के लिए महँगी चीजें लेती थी और सरला को दिखाती थी। सरला भी कोई बात सुनकर सुमन को बताने पहुँचती थी। दोपहर के समय दोनों सहेलियां मिलकर मोहल्ले में कहाँ क्या हुआ किसकी लड़की घर से चली गयी ,किन -किन व्यक्तियों के बीच लड़ाई हुई ,किन दो पक्षों में मार -पीट हुई ,किस लड़के ने अपने माता -पिता के साथ बुरा व्यवहार किया। ये चुँगली वाली बातें करके खुश होती थीं। इसी तरह वर्ष भर दोनों की दोस्ती चलती...

Sant Ravidas- जन्म गौड़ है ,कर्म प्रधान

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                         जन्म गौड़    है ,कर्म प्र धान                                                  कृष्ण मंदिर के मुख्य पुजारी बाबा प्रतिदिन ब्रम्हमुहुर्त में गंगा स्नान करते ,भगवान का भजन करते और दिनभर मंदिर में साफ -सफाई किया करते थे। उनके मन में छुवाछूत की बिमारी इसतरह घर कर गयी थी कि वे प्यासा रह सकते थे ,लेकिन बिना जात -पात पूछे किसी के हाँथ का पानी नही पीते थे। उनका अटल विशवास था कि यदि कोई अछूत मंदिर में प्रवेश करेगा तो मंदिर की पवित्रता नष्ट हो जाएगी।              मंदिर के पास ही रास्ते में एक झोपड़ी में एक मोची रहता था जो चमड़े के जूते -चप्पल सिलकर अपना तथा अपने परिवार का पेट पालता था। पुजारी बाबा कभी -कभार बाजार से लौटते वक्त मोची की झोपड़ी के पास से गुजरने के बाद आकर स्नान करते ,टीका लगाते तब कहीं जा कर उनके मन को ...

sachchhi mitrata, true friendship, an inspirational story

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सच्ची मित्रता                किसी वन में सुरंग और कुरंग नाम के दो हिरन रहते थे। आये दिन दोनों को जंगली कुत्तो ,लकड़बघ्घों और भेड़ियों के आक्रमण से बचकर भागते रहना पड़ता था। दोनों एक दिन एक मित्र की तलाश में निकल पड़े। सुरंग कहने लगा ,"भाई कुरंग !मित्र चाहे बड़ा हो या छोटा ;मित्रता सच्ची होनी चाहिये। "कुरंग ने प्रतिवाद किया ,"मैं तुमसे सहमत नहीं हूँ ,मान लो कोई सच्चा ही मित्र हो ,लेकिन ताकतवर नहीं होगा तो ,शेर और बाघ से क्या खाक बचायेगा।              दोनों अभी यही वाद -विवाद कर रहे थे कि पास के तालाब में एक मधुमक्खी पर उनकी नजर पड़ी जो डूबने वाली थी। सुरंग ने पानी में एक घांस का तिनका फेका। मधुमक्खी उसी तिनके के सहारे किनारे आ गयी। कुरंग ने सुरंग को जल्दी चलने के लिये कहा तो सुरंग ने कहा ,"भाई कुरंग मधुमक्खी के पंख सूख जाने दो ,अभी बेचारी असुरक्षित है। "              कुरंग झल्लाता हुआ आगे बढ़ गया मधुमक्खी को जब सुरंग से पता चला कि वे दोनों मित्र की तलाश में निकले थे ,तो उसने...

Baba Nirliptanand. interesting story in hindi

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                   बाबा    निर्लिप्तानंद    किसी गांव के छोर पर पीपल के नीचे एक महात्मा जी ने अपना दंड और कमंडल रखा और चेला मन्साराम से कहा ,"वत्स शाम होने वाली है,मैं तो गांव में प्रवेश नहीं करुँगा तू लपककर जा और किसी दुकान से सौदा खरीद ला तो ,भगवान का भोग लगे और प्रसाद पाया जाये। "                                                                         चेला गांव की ओर चल पड़ा। एक किराने की दुकान पर आटा ,दाल ,नमक और आलू आदि खरीद कर चलने लगा तो ,दुकानदार से न रहा गया,पूछ पड़ा ,"महात्मा जी ,कहाँ के रहने वाले हो। "चेला मुस्कुराया ,"रमता जोगी बहता पानी। बच्चा !साधु का कौन सा घर कौन सा परिवार ?जहाँ वसई तँह सुन्दर देसू। "                 दुकानदार प्रभावित हुआ ,बोला ,"महात्मा जी आज मेरे गरीबखान...

जैसे को तैसा { Tit for tat }, best motivational story in hindi

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                      जैसे को तैसा                                                                                                       Hello दोस्तो, आज हम आपको बताने जा रहे हैं , कि कैसे कई बार इंसान दूसरों को इज्जत देता रहता है और दूसरों की बाते मानता रहता है। और दूसरा व्यक्ति पहले व्यक्ति को बेवकूफ समझता है और उसे दबाता रहता है। पर कभी जब किसी चीज की हद हो जाती है तब मजबूर होकर वो क्या करता है ?चलिए कहानी के माध्यम से जानते हैं।             एक गरीब किसान था। बहुत ही सीधा -साधा, अच्छे विचार और व्यवहार वाला। वह एक जमींदार के यहाँ खेती का काम करता था। जमींदार बहुत अमीर तथा घमंडी था। एक दिन गरीब किसान जमींदार के ख...