Four thugs in Hoshiyarpur.Interesting story in hindi.

चार ठग 

चार ठग किसी किसान को ठगने की नियत से एक गांव में प्रवेश किये। गांव का नाम था होशियारपुर। गांव के प्रवेश मार्ग पर एक दस साल का बालक अकेला खेल रहा था। ठगों ने बालक से उसका नाम पूछा तो बालक ने अपना नाम बताया -हरिहारअहार  ठगों को बालक के घुमावदार नाम पर बड़ा आश्चर्य हुआ। एक ठग ने पूछा ,"बेटा,तुम्हारे पिता घर पर है ?"हरि ने बताया कि उसके पिता घर पर नहीं थे ;स्वर्ग का पानी बराने गये थे। ठगों द्वारा माँ के लिए पूछने पर हरि ने बताया कि उसकी माँ पाप -पुण्य का हिसाब करने गयी थी। घर पर कौन है पूछने पर हरि ने बताया "नयी माँ भी घर पर नहीं है। एक में दो करने गयी है। "
             ठगों को हरि के उत्तर से बड़ा आश्चर्य हुआ। ठगो ने कहा ,"अरे हरि !तुमने पहचाना नही ,हम चारों तुम्हारे मामा हैं। "
              हरि खुशी से चारो को अपने घर ले गया। एक औरत सर पर अरहर की दाल की टोकरी लेकर ठीक उसी वक्त पहुंची। हरि ने बताया कि यही औरत उसकी नयी माँ थी। ठगों ने उस औरत से कहा ,"तुम्हारा बेटा तो बड़ा सयाना है,तुम कहाँ गयी थी। हरि कहता है "तुम एक में दो करने गयी थी। "औरत ने कहा ,"ठीक कहता है ,मैं पड़ोसन के यहाँ दाल दलने गयी थी। दाल का दाना दलने पर एक से दो हो जाता है। "
              एक ठग ने कहा ,"बहन तुम्हारे बेटे का नाम बड़ा घुमावदार है। "औरत बोली ,"इसका नाम पवन है। हरि शिव हैं, हार सर्प और उसका आहार पवन है। ठगों की उत्सुकता बढ़ती गयी। फिर एक ने पूछा ,"बहन पवन कहता है कि उसकी माँ पाप -पुण्य का हिसाब करने गयी है इसका क्या मतलब है ?औरत बोली ,"हाँ भैया ,पिछले वर्ष इसकी माँ मर गयी। मरकर व्यक्ति भगवान के पास ही तो पाप -पुण्य के हिसाब के लिए जाता है। "
             अब ठगों ने अंतिम प्रश्न किया बहन ,पवन कहता है की इसके पिता ठगों की बात काटकर औरत बोली ,"हाँ भैया इसके पिता एक बुढ़िया की झोपड़ी उठाने गये हैं ,आकाश से बरसता पानी किनारे गिरेगा। अतः लड़के ने कहा होगा कि स्वर्ग का पानी बराने गए हैं। "
              अब ठगो ने अपनी ठग विद्या का प्रयोग किया। चारो रोने लगे मरने वाली को उन्होंने अपनी सगी बहन बताया। उसी रिश्ते से लड़का उनका भांजा था।औरत ने चारो का खूब स्वागत -सत्कार किया। दूसरे दिन ठगों ने बहन से कहा ,"अब हमलोग जायेंगे ,हाँ पवन की नानी पवन को बड़ा याद करती हैं ,उसे हम लोगों के साथ भेज दो। "
              औरत सीधी थी। ठगों की चिकनी -चुपड़ी बातों में आ गयी। पवन को चारों के साथ भेज दिया।
              माँ का आदेश पाकर पवन अपने मामाओं के साथ चल तो दिया लेकिन चतुर लड़के ने उनके हाव -भाव से भाँप लिया कि चारों अच्छे लोग नहीं थे। चलते -चलते शाम हो गयी। एक कस्बे के पास पेड़ के किनारे चारो विश्राम करने लगे। एक ठग झोले में से एक अशर्फी निकालकर पवन को देते हुये बोला ,"लपकपर जा और पास के बाजार से अच्छी -अच्छी मिठाइयाँ ला ,तो कुछ खाया- पिया जाये।
               पवन अशर्फी लेकर दुकान पर गया। वहा कई सभ्य लोग सौदा खरीद रहे थे। उसने उनलोगों से निवेदन किया कि वह बदमाशों के गिरोह में फस गया है कृपया उसे बचायें।
               एक समझदार व्यक्ति ने पवन के कान में कुछ कहा ;पवन घबराने का अभिनय करता हुआ ,ठगों के पास पहुँचा और बोला ,"मामा लोग !दुकानदार बड़ा बदमाश है। अशर्फी ले लिया और बोला कि जा ,तुम्हे कोई मिठायी नहीं दूँगा।
              चारो ठग अपना झोला पवन को देकर आग बबूला होकर दुकानदार से लड़ने के लिए दौड़े। वहाँ जाते ही सभ्य नागरिकों ने चारों को पकड़कर कोतवाली में बंद करा दिया। पवन अशर्फी का झोला लेकर घर की राह पकड़ा।
              इस कहानी से हमें शिक्षा मिलती है कि बुद्धि ही सर्वगुणों में प्रधान है। बुद्धि के बल पर व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्थितियों का सामना समझदारी से कर सकता है। जैसे इस कहानी में पवन ने अपनी बुद्धि के बल पर चारों ठगों को पकड़वाया।







Comments

Popular posts from this blog

Bina Vichare, best motivational story in hindi

Hard work is the key to success. real life inspirational story in hindi.

khubsurat farista, this story is all about helping others, who are needy.