Hard work is the key to success. real life inspirational story in hindi.
प्रिय ,
दोस्तों , आज की भागम भाग भरी ज़िन्दगी में जहाँ लोगो को अपनी बाते , भावनाएँ एक दूसरे को व्यक्त करने की फुरसत नहीं है , बड़े तथा बच्चे एक दूसरे के प्यार तथा स्नेह को तड़पते है और सही सलाह और रास्ता न मिलने पर अवसाद में चले जाते हैं। ऐसे समय में आप लोगो के लिए हम लाये है प्रेरणादायक कहानियाँ जो आपको ज़िन्दगी जीने का नया रास्ता दिखाएंगी और आपके भीतर नयी ऊर्जा का संचार करेंगी।
मेहनत ही सफलता की कुंजी है
एक छोटे से गांव में एक लड़का रहता था। उसका नाम कृष्णा था। वह अपने माता पिता की एकलौती संतान था। चार वर्ष की आयु में उसके पिता की मृत्यु हो गयी। अब माँ और बेटे की स्थिति बद से बदतर हो गयी। जिंदगी कष्टों से भर गयी। कृष्णा की शिक्षा एक मामूली से सरकारी स्कूल में शुरू हुई। कृष्णा बचपन से ही तेज़ दिमाग का था। अतः कृष्णा ने स्कूली शिक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण किया। चूँकि कृष्णा की शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति ही एकमात्र आर्थिक साधन था। इसलिए छात्रवृत्ति के पैसो से कृष्णा अपनी किताबों तथा कपड़ो की व्यवस्था करता था। किताबे अपने सहपाठियों से कुछ समय के लिय उधार लेकर अपनी पढ़ाई करना पड़ता था। जिसके बदले उसे सहपाठियों के तमाम कार्य करने पड़ते थे। कृष्णा जब कॉलेज की पढाई कर रहा था , तब जहॉ उसके मित्रो के पास साल भर किताबे होती थी, वह किताबे माँगकर कुछ सप्ताह में तैयारी करके उन्हे वापस कर देता ।धीरे-धीरे वह उधार की किताबों से पढ़ाई करके अपने सभी सहपाठीयो से आगे बढ़ गया।
अब कृष्णा ने नौकरी के लिए प्रयास किया। इन प्रयासो के दौरान कृष्णा को अनेक ताने सहने पड़े की तुम कुछ नहीं कर सकते हो। इससे कृष्णा को बहुत दुःख होता किन्तु उसने अपने मनोबल को गिरने नहीं दिया और लगातार प्रयास करता रहा। तब वह समय आया जब कृष्णा को नौकरी के लिए कॉल लेटर आया। कृष्णा बहुत खुश हुआ। किन्तु अब उसे चिंता थी कि वह वह कैसे जायेगा और क्या पहनेगा क्योंकि उसके पास न खाने की कोई व्यवस्था थी और न ही पहनने के लिए सही वस्त्र थे। अतः कृष्णा ने अपने पुराने वस्त्रो को साफ़ किया और कुछ पैसो की व्यवस्था करके इंटरव्यू के लिए चल दिया। कृष्णा के कपडे पुराने हो चुके थे रास्ते में अचानक उसकी पैंट का कपड़ा फट गया। अब वह परेशान हो गया। कृष्णा ने विचार किया कि अब वह क्या करे। कृष्णा के सामने एक बबूल का पेड़ दिखाई दिया। कृष्णा ने पेड़ से कांटे लेकर अपनी पैंट को सिल लिया और इंटरव्यू के लिए चल पड़ा उसने इंटरव्यू दिया और सभी दूसरे पैंट सूट वाले लोगों प्रतिभागियों को पीछे छोड़ इंटरव्यू पास कर लिया और नौकरी को प्राप्त किया।
अब कृष्णा ने नौकरी के लिए प्रयास किया। इन प्रयासो के दौरान कृष्णा को अनेक ताने सहने पड़े की तुम कुछ नहीं कर सकते हो। इससे कृष्णा को बहुत दुःख होता किन्तु उसने अपने मनोबल को गिरने नहीं दिया और लगातार प्रयास करता रहा। तब वह समय आया जब कृष्णा को नौकरी के लिए कॉल लेटर आया। कृष्णा बहुत खुश हुआ। किन्तु अब उसे चिंता थी कि वह वह कैसे जायेगा और क्या पहनेगा क्योंकि उसके पास न खाने की कोई व्यवस्था थी और न ही पहनने के लिए सही वस्त्र थे। अतः कृष्णा ने अपने पुराने वस्त्रो को साफ़ किया और कुछ पैसो की व्यवस्था करके इंटरव्यू के लिए चल दिया। कृष्णा के कपडे पुराने हो चुके थे रास्ते में अचानक उसकी पैंट का कपड़ा फट गया। अब वह परेशान हो गया। कृष्णा ने विचार किया कि अब वह क्या करे। कृष्णा के सामने एक बबूल का पेड़ दिखाई दिया। कृष्णा ने पेड़ से कांटे लेकर अपनी पैंट को सिल लिया और इंटरव्यू के लिए चल पड़ा उसने इंटरव्यू दिया और सभी दूसरे पैंट सूट वाले लोगों प्रतिभागियों को पीछे छोड़ इंटरव्यू पास कर लिया और नौकरी को प्राप्त किया।
कृष्णा ने अपनी मेहनत और लगन से अपनी मंज़िल को प्राप्त किया। कृष्णा ने परिस्थितियों से समझौता नहीं किया और न ही हार मानी।
मेहनत ही वह कुंजी है, जो सफलता के द्वार खोलती है।
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